अगरतला से लगभग 178 किमी दूर स्थित उनाकोटि एक सदियों पुराना शैव तीर्थ स्थान है, जो कि देश की किसी भी अन्य तीर्थस्थली की तुलना में अपनी भव्यता और कलात्मकता के कारण विलक्षण है। इस स्थान पर हिंदू देवी-देवताओं की बहुत सी अद्भुत मूर्तियां स्थित हैं, जिनमें शास्त्रीय भारतीय शैली की देशज आदिवासी परंपराएँ दृष्टिगोचर होती हैं। उनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण भगवान शिव के सिर की 33 फुट ऊंची मूर्ति है, जिनके इस रूप को उनाकोटीश्वर काल भैरव के नाम से जाना जाता है। इसे और अधिक आकर्षक बनाता है 10 फ़ीट ऊँचा एक साफ़ा जिसके एक तरफ़ युद्धरत माँ दुर्गा और दूसरी तरफ मकरासन पर विराजमान देवी गंगा स्थित हैं। पुरातत्वविदों के अनुसार यद्यपि यहाँ शिव पंथ का प्रमुख प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, फिर भी यहाँ स्थापित दैवीय मूर्तियां यहाँ की आध्यात्मिक मान्यताओं पर तांत्रिक, शाक्त और हठ योगियों के प्रभाव की गवाही देती हैं। यह माना जाता है कि इस स्थल का जीवंत काल 12 वीं और 16 वीं शताब्दी के बीच की अवधि में रहा होगा, और यहाँ स्थापित मूर्तियां दो विभिन्न कलात्मक कालखंडों से सम्बद्ध हैं।

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