अगरतला की हलचल भरी गलियां एक आदर्श ख़रीदार के लिए सपनों की मंजिल जैसी हैं, खासकर यदि आप हस्तशिल्प द्वारा निर्मित लाजवाब आदिवासी उत्पादों को पसंद करते हैं। इन में बेंत और बांस के फर्नीचर जैसे बांस के सोफे, सुरुचिपूर्ण ढंग से तैयार की गई लकड़ी की अलमारी, सेंटर टेबल, डाइनिंग टेबल, दीवान-कम-बेड, फोम के दीवान और डाइनिंग टेबल शामिल हैं। यहाँ के प्रसिद्ध मूढ़ों अर्थात छोटे स्टूलों को खरीदना हरगिज़ न भूलें। त्रिपुरा की जनजातियों द्वारा बुने तथा डिज़ाइन किए गए कपड़े विविध रंगों और आकर्षक स्वरूपों में उपलब्ध होते हैं। अपने साथ यहाँ की स्मृतियों को संजो कर घर ले जाने के लिए यह आदर्श वस्तुएँ हैं। हथकरघा त्रिपुरा का प्रमुख शिल्प है और यहाँ के निवासियों की कारीगरी की सहज कला तथा विशिष्टता को भलीभांति दर्शाता है। जटिल विन्यास और आकृतियों के आधार पर डिज़ाइन किए गए हस्तनिर्मित कपड़े, और रेशम व बेंत और बांस की आकर्षक वस्तुएँ यहाँ के कला और शिल्प आधारित उद्योगों का मुख्य रूप हैं। इसके अतिरिक्त फर्नीचर, खिलौने, साड़ियाँ, दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे लैंप शेड्स, टोकरियाँ, पंचांग, हाथी दांत से बनी कलाकृतियाँ और त्रिपुराई आदिवासियों के सुंदर आभूषण, यहाँ खरीदारी करने को एक आनंदमय अनुभव बनाते हैं।

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