‘नीरमहल’ नाम का शाब्दिक अर्थ जल महल है। यह राजधानी अगरतला से 55 किमी दूर रुद्रसागर झील के बीच में स्थित एक शाही हवेली है। 1930 में महाराजा बीर बिक्रम किशोर देबबर्मन द्वारा उनके ग्रीष्मकालीन महल के रूप में निर्मित इस शाही भवन की वास्तुकला और बनावट में हिंदू और मुस्लिम शैलियों का बेहतरीन समावेश है। यह महल संगमरमर और बलुआ पत्थर से बनाया गया है और देश में अपनी तरह के सबसे बड़े महलों में से एक है। इसके सुंदर और सुव्यवस्थित बगीचे और फ्लड लाइटें महल के आकर्षण को बढ़ाते हैं। महल के अन्य मुख्य आकर्षणों में जल क्रीड़ा अर्थात वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं और विदेशों से आने वाले प्रवासी पक्षी शामिल हैं जिन्हें रुद्रसागर झील में देखा जा सकता है। अगस्त में हर साल आयोजित होने वाले जल उत्सव के दौरान इस महल का आकर्षण विशेष रूप से बढ़ जाता है। इस उत्सव के दौरान एक नाव दौड़ आयोजित की जाती है जो आगंतुकों को बड़ी संख्या में अपनी ओर खींचती है। इसके अलावा, अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नाटक मंचन के साथ-साथ एक तैराकी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।

अन्य आकर्षण