एर पारंपरिक गुजराती थाली में घर की बनी रोटी, जिसे रोटली कहा जाता है, कढ़ी जो बेसन और दही के गाढ़े मिश्रण से तैयार होती है, चावल, मिली-जुली कुछ सूखी सब्जियां , जिसे शाक कहा जाता है और खांडवी जो बेसन से बना एक प्रसिद्ध गुजराती नाश्ता है, अवश्य होते हैं। मीठे के शौकीन लोगों के लिए इस थाली में जलेबी और मोहनथाल जैसी मिठाई भी रखी जाती है। इन सभी व्यंजनों में से कुछ को तेल में भूनकर तैयार किया जाता है, जबकि कुछ को उबालकर या भाप देकर तैयार किया जाता है। अलग-अलग तरह के मसालों से बने यह व्यंजन गुजराती थाली को बेहद लजील बना देते हैं। गुजराती आहार का आधार दही और बेसन है। दरअसल, गुजराती थाली इस उद्देश्य से तैयार की जाती है कि देर तक और बैठकर काम करने वाले लोगों को हल्का, सुपाच्य लेकिन पोषकता से भरपूर भोजन मिल सके। इस थाली में मीठे पकवान जहां भूख बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं खट्टे व्यंजन भोजन को पचाने में मदद करते हैं। पारंपरिक गुजराती थाली का मुख्य आकर्षण हमेशा ढोकला रहता है जो बेसन से बनता है और भाप में पकाया जाता है। खाने में बेहद हल्का लेकिन तृप्त कर देने वाला यह व्यंजन समस्त भारत में पसंद किया जाता है। पोरबन्दर जाने वाले सैलानियों को पारंपरिक गुजराती थाली का स्वाद एक बार तो जरूर चखना ही चाहिये।