यह ऐतिहासिक इमारत महात्मा गांधी का स्मारक है। यहां ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता की कहानी को बयां करती इतिहास की कुछ गाथाएं दर्ज हैं। आज मणि भवन संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र है जिसमें एक पुस्तकालय, एक चित्र गैलरी और स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित यादगार चित्र हैं। यह वर्ष 1917 और 1934 के बीच महात्मा गांधी की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु था। यह भवन वर्ष 1921 में गांधी जी द्वारा मुंबई में शांति बहाल के लिए किए गए ऐतिहासिक चार दिवसीय उपवास का गवाह है। मणि भवन में ही पहली बार गांधीजी का चरखे के साथ नाता जुड़ा। दिलचस्प बात यह है कि इसी ऐतिहासिक इमारत से सविनय अवज्ञा, सत्याग्रह, स्वदेशी, खादी और खिलाफत आंदोलनों जैसे विख्यात आंदोलनों की शुरूआत हुई। इसके अतिरंजित गलियारों में टहलते टहलते भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुए राजनीतिक संघर्षों के बारे में पता चलता है। संग्रहालय के फोटो अनुभाग में बहुत सारी जानकारियां दी गई हैं और भारत के इतिहास को फिर से देखने के इच्छुक लोगों के लिए यह भवन एक अमूल्य मार्गदर्शक हो सकती है।

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