पश्चिमी घाट के विशाल हरे-भरे पहाड़ी इलाकों के बीच बसा एक खूबसूरत गांव, भंडारदारा ट्रेकर के लिये स्वर्ग है। चमकीले नीले आसमान, हरे धान के खेत, कलकल करते ऊंचाई से गिरते झरने और आस पास की नीली-हरी पहाड़ियों वाला यह गांव बेहद खूबसूरत आश्रय स्थल है। छोटा सा यह अनूठा गांव शहर की शोर और गहमागहमी से दूर एक लंबे सप्ताहांत के लिए एक आदर्श स्थली है। मुंबई से लगभग 185 किमी दूर, भंडारदारा अहमदनगर जिले के उत्तर में स्थित है। भंडारदारा में विल्सन डैम और निकटवर्ती आर्थर झील गांव की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाती हैं। रोमांच पसंद करने वालों और खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए यहां कुछ अच्छे कैंपिंग (शिविर) अवसर हैं। बारिश के मौसम में बांध में एक वृत्ताकार जलप्रपात बनता हुआ देखा जा सकता है। विशिष्ट आकृति के कारण इसे छाता जलप्रपात भी कहा जाता है। भंडारदारा में कई आरामदायक रिसॉर्ट हैं, जहां से बांध और झील के शानदार दृश्य दिखते हैं। इस क्षेत्र का एक अन्य आकर्षण लगभग 2000 साल पुराना राजसी रतनगढ़ किला है। इसके शीर्ष पर नीचे घाटी की ओर देखती मेहराब जैसी गुफा वाली एक प्राकृतिक चट्टान है। इस किले के चार द्वार गणेश, हनुमान, कोंकण और त्र्यंबक उल्लेखनीय हैं। इतनी ऊंचाई पर पानी की उपलब्धता ने इस किले को छत्रपति शिवाजी के लिए बहुमूल्य बना दिया था। किले में कई कुएं हैं। प्रवर नदी जिन पर विल्सन डैम बना हुआ है, इस किले से ही निकलती है। किले की प्राचीर तक एक ट्रेक से आपको पूरे भंडारदारा क्षेत्र का एक विहंगम दृश्य दिखेगा। इस किले की तलहटी में स्थित रतनवाड़ी, भंडारदारा से नाव द्वारा पहुंचा जा सकता है। 8 वीं शताब्दी में बना अमृतेश्वर मंदिर गांव का मुख्य आकर्षण है। यह प्राचीन शिव मंदिर सालाना बहुत सारे पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है, इन पर्यटकों में तीर्थयात्री और पुरातात्विक झुकाव वाले लोग होते हैं।

अन्य आकर्षण