यहां एक प्रेम मंदिर है, जिसे दिव्य प्रेम के रूप में जाना जाता है। यह प्रेम मंदिर देवी राधा तथा भगवान कृष्ण और भगवान राम तथा देवी सीता को समर्पित है। इसे जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा वर्ष 2001 में बनाया गया था। यह मंदिर 54 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह मंदिर वृंदावन के सबसे सुंदर और सुरुचि पूर्ण मंदिरों में से माना जाता है। यह इटालियन सफेद संगमरमर का मंदिर भगवान कृष्ण के जीवन की प्रमुख घटनाओं को समर्पित है। इसके आंतरिक दृश्य में वह दृश्य भी चित्रित किया गया है, जिसमें भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्द्धन पर्वत को उठाया गया है।
यहां एक भव्य संगीत फव्वारा है, जहां शाम को आकर्षक ध्वनि और प्रकाश शो किया जाता है। यह स्थान इस धार्मिक स्थल के सबसे रुचिकर स्थानों में से एक है। बाग के बीच का रास्ता, एक रेस्तरां, दुकान और फव्वारे ये सभी इस मंदिर के भाग हैं। प्रार्थनाएं और सभाएं एक बड़े खंभे वाले गुंबद के आकार के सत्संग हॉल में आयोजित की जाती हैं, जिसमें एक समय में लगभग 25000 लोग बैठ सकते हैं।
वर्तमान में इसका संचालन और रख-रखाव जगद्गुरु कृपालु परिषद द्वारा किया जाता है, जो एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी, शैक्षिक, आध्यात्मिक और चेरिटेबिल ट्रस्ट है। इस धार्मिक स्थल में प्रेमी जोड़े, युवा और वृद्ध लोग स्वेच्छा से बार-बार आते हैं। यह स्थल भारतीय धर्मशास्त्र के प्रेम और भक्ति के सामंजस्य का अनूठा उदाहरण है।

अन्य आकर्षण