रायपुर से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हरियाली से परिपूर्ण यह स्थल छोटी पहाड़ियों एवं साल के जंगलों से घिरा हुआ है। यह अभयारण्य 1974 में बनाया गया था तथा इसका नाम सीतानंदी नदी पर पड़ा। इसकी उत्पत्ति इस अभयारण्य के बीच में होती है और यह देवकूट के निकट महानदी से जा मिलती है। इस अभयारण्य में सीतानंदी के अलावा सोंढुर एवं लेलंग नदियां भी बहती हैं। यहां स्थित विशाल सांढुर बांध देखने लायक जगह है। समृद्ध वनस्पति एवं वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध यह अभयारण्य देश के बेहतरीन अभयारण्यों में से एक है। यहां पर आपको जो वन्यजीव देखने को मिलेंगे, उनमें बाघ, तेंदुए, सियार, चमगादड़, जंगली बिल्ली, काले हिरण, बायसन, भालू, चीतल, साम्भर, नीलगिरी, कोबरा एवं अजगर प्रमुख हैं। यह अभयारण्य पक्षियों की गतिविधियां देखने वालों के लिए भी उपयुक्त जगह है। यहां पर पक्षियों की 175 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें कंसारो, सफेद बगुला एवं सारस प्रमुख हैं।  

अन्य आकर्षण