रेशम की साड़ी खरीदने के लिए सबसे अच्छे स्थलों में से एक कांचीपुरम है। य़हां साड़ियों को शहतूत के असली रेशम से बुना जाता है। वर्तमान मेंए इस उद्योग में 500 से अधिक परिवार लगे हैं। उनके द्वारा तैय़ार की गई साड़ियों का व्यापार शहर और राज्य की सहकारी समितियों के माध्यम से होता है।

ये साड़ियां अपने आप में काफी अनूठी होती हैंए जिनमें सोने और चांदी के धागों का उपयोग कर बुना जाता है। चूंकि कांचीपुरम पहला और सबसे बड़ा मंदिर शहर हैए अतरू आमतौर पर इन साड़ियों पर बने हुए चित्र मंदिर के जीवन और पूजा से संबंधित होते हैं। लेकिन अबए ज्यामितीय नमूनों और अन्य विषयों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इन साड़ियों के निर्माण में लगने वाले कौशल और समय को देखते हुएए एक कांजीवरम साड़ी की कीमत लाखों रुपये हो सकती है। हालांकिए तांबे और सिंथेटिक धागे से बनने वाली साड़ियां काफी सस्ती और आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

वर्दराजा मंदिर के पास कई दुकानें हैंए साथ ही साथ शहर में सहकारिता समितियां भी हैंए जहां आप मोलभाव कर काफी अच्छे दामों में साड़ियां खरीद सकते हैं। अनेकों खुदरा व्यापारी भी रोजमर्रा पहनने वाले कपड़ों से लेकर शादी के परिधान तक के लिये कांचीपुरम साड़ियां बेचते हैं। वास्तव मेंए चेन्नई और बेंगलुरु जैसे पड़ोसी शहरों के बहुत से लोग बड़े.बड़े महानगरों की बजाएए कांचीपुरम में आकर यहां से कांजीवरम और रेशम की साड़ियों की खरीददारी करना पसंद करते हैं। ऐसा बड़े पैमाने पर होता हैए क्योंकि अन्य जगहों की तुलना में कांचीपुरम में बेची जाने वाली साड़ियों के मूल्य और गुणवत्ता में काफी अंतर रहता है।

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