यहां के जीभ को ललचाते स्ट्रीट-फूड और स्थानीय गुजराती व्यंजन जूनागढ़ को एक यादगार जगह का दर्जा देते हैं। मसालेदार, चटखारेदार गोलगप्पे, दही वड़े, ढोकला, कढ़ी-खिचड़ी जैसी चीजें यहां जरूर चखनी चाहिएं।

उंधियू

बैंगल, आलू, बेसन से बनी मुठिया, कच्चे केले और रतालू से बनाए जाने वाले उंधियू को नारियल के तेल में मसालों के साथ पकाया जाता है जो कि सर्दियों में पूरे गुजरात का एक पसंदीदा पकवान है।

उंधियू

थेपला

बेसन, गेहूं के आटे, मेथी और हल्के मसालों से बनाया जाने वाला थेपला पतली रोटी जैसा होता है।

थेपला

कढ़ी-खिचड़ी

यह एक बहुत ही पौष्टिक और बेहद स्वादिष्ट व्यंजन है जिसे जूनागढ़ के लगभग हर घर में तैयार किया जाता है। खिचड़ी को चावलों के साथ विभिन्न प्रकार की दालें और मसाले आदि डाल कर बनाया जाता है। इस के साथ चने के आटे से कढ़ी तैयार की जाती है। इसमें पकौड़े डाल कर इसे और स्वादिष्ट बना लिया जाता है।

दूधपाक

यह एक किस्म की खीर होती है जिसे दूध में चावल उबाल कर और काजू, बादाम, पिस्ता, इलायची, किशमिश, केसर आदि डाल कर पकाया जाता है।

ढोकला

ढोकला एक हल्का-फुल्का नाश्ता होता है जो बेसन में खमीर उठा कर बनाया जाता है। इसे पहले भाप में पकाया जाता है और फिर वर्गाकार टुकड़ों में काटा जाता है। इन टुकड़ों के ऊपर सरसों के दाने और हरे धनिये की पत्तियों का छिड़काव कर इन्हें कटी हुई हरी मिर्चों के साथ परोसा जाता है।

ढोकला