पत्थर काट कर बने मसरूर मंदिर न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि एक विशिष्ट पुरातात्विक स्थल भी हैं। यह इंडो-आर्यन शैली में पत्थर काट कर बने 15  मंदिरों का एक समूह है। हालांकि उनका एक बड़ा हिस्सा अब खंडहर है, फिर भी इन अवशेषों का का अध्ययन आसानी से किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8 वीं और 9 वीं शताब्दी के बीच हुआ था। मुख्य मंदिर में भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण की मूर्तियाँ हैं। किंवदंती है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान इस मंदिर में लंबा समय बिताया था। मंदिर में एक अधूरी सीढ़ी भी है और कई लोग मानते हैं कि इसे पांडवों ने स्वर्ग तक पहुँचने के लिए बनवाया था। हालांकि, जब वे इसे बना रहे थे तब देवराज भगवान इंद्र ने चिंतित होकर उन्हें स्वर्ग तक पहुँचने से रोकने के लिए उनके काम में बाधा डाल दी। इस प्रकार, यह सीढ़ी पूरी नहीं हो सकी। 

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