सन 1902 में बनवाया गया सुदामा मंदिर पोरबन्दर के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह भारत का एकलौता ऐसा मंदिर है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के बालसखा और उनके भक्त सुदामा जी की याद में बनवाया गया है। हालांकि मंदिर की वास्तु-कला बेहद साधारण है, लेकिन फिर भी यह अपनी ओर आकर्षित करती है। सफेद संगमरमर से निर्मित यह मंदिर चारों ओर से खुला है। इसके खंबों तथा मेहराबों पर बेहद खूबसूरत और विस्तृत ढंग से नक्काशी की गयी है, जो इसकी सौम्यता को एक अनूठा आयाम प्रदान करती है। मंदिर का फर्श शतरंज की बिसात की तरह काले और सफेद मार्बल से सजाया गया है। सुदामा मंदिर का पूरा प्रांगण एक बेहद खूबसूरत बगीचे से घिरा हुआ है, जिसमें एक छोटा सा कुंआ तथा भगवान गणेश का एक छोटा सा मंदिर भी बनाया गया है। मंदिर को जेठवा राजवंश के शासक राम देवजी जेठवा ने बनवाया था। उनकी भी एक प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित की गयी है। यहां हजारों की संख्या में भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं। राजस्थानी क्षत्रिय नव विवाहित जोड़े यहां पीठासीन देवता का आर्शीवाद लेने विशेष रूप से आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण काल के दौरान धनी व्यपारियों से चंदा एकत्र करने हेतु खासतौर पर नाटकों का मंचन किया जाता था। 

अन्य आकर्षण