भगवान शिव को समर्पित भूलेश्वर मंदिर अपने ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में यादव शासकों द्वारा एक पहाड़ पर करवाया गया था। इतिहास यह भी कहता है कि यह मंदिर किसी समय में मंगलगढ़ी किले के नाम से भी मशहूर था। मंदिर की दीवारों को बेहद प्रसिद्ध पारंपरिक नक्काशी से सजाया गया है तथा यह मंदिर एक संरक्षित धरोहर के रूप में घोषित किया गया है। यहां भगवान गणेश की स्त्री वेष में एक मूर्ति स्थापित है, जिसे गणेश्वरी या गणेशायनी के नाम से पुकारा जाता है। मंदिर के बारे में एक लोक कथा भी प्रचलित है, जिसके अनुसार यहां स्थापित शिवलिंग पर जब भी मिठाई का भोग लगाया जाता है, तो उसमें से एक या दो मिठाई के टुकड़े अपने आप गायब हो जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि कैलाश मानसोवर पर शिव और पार्वती के विवाह के बाद देवी पार्वती ने इस मंदिर में भगवान शिव के समक्ष नृत्य प्रस्तुत किया था। 

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