पटना शहर की समृद्ध विरासत कई संग्रहालयों में अच्छी तरह से प्रलेखित है। इसकी शुरूआत हम बिहार संग्रहालय से करते हैए जिसकी विशाल इमारत स्टील और ग्रेनाइट से बनी है। इसे जापानी डिजाइन फर्म और भारतीय कंपनियों के सहयोग से बनाया गया था। यह 13ण्5 एकड़ के भूखंड में स्थित है। इसमें 9ए500 वर्ग मीटर में ओरिएंटेशन गैलरीए बच्चों की गैलरीए इतिहास गैलरी और अन्य गैलरियां है। यहां प्रवासी बिहारियों पर भी एक गैलरी है। यहां एक दिलचस्प दर्शनीय भंडारण गैलरी हैए जिसमें मृण्मूर्तियांए सिक्के की कलाकृतियों और अन्य चीजें भी प्रदर्शित की गयीं हैं।

विशाल पटना संग्रहालयए बिहार संग्रहालय के निर्माण से पहले शहर का एक मात्र संग्रहालय हुआ करता था। हरे.भरे बगीचे में स्थितए यह संग्रहालय इस शहर के इतिहास का एक दर्पण हैए जहां इस शहर के इतिहास को समझा जा सकता है। इसे ब्रिटिश काल में बनवाया गया था। इस संग्रहालय में मौर्य और गुप्तकालीन पत्थर की मूर्तियोंए कुछ खूबसूरत कांस्य की बौद्ध मूर्तियां और थॉमस और विलियम डेनियल की पूर्ववर्ती 19 वीं शताब्दी की चित्रकारी का शानदार संग्रह है।

जालान संग्रहालय को किला हाउस के नाम से भी जाना जाता है। यह संग्रहालय शेरशाह सूरी के किले की नींव पर बनाया गया है। यह जालान परिवार का निजी संग्रह है। यहां के कुछ प्रसिद्ध प्रदर्शनों में जॉर्ज प्प्प् का डिनर सर्विस सेटए नेपोलियन का चार डंडों वाला बेडए मैरी एंटोनेट के चीनी मिट्टी के बरतन और चीनी जेड और सुंदर चांदी के महीन तारों से बनी मुगल कलाकृतियां हैं। यह संग्रहालय देखने के लिए पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है।

गांधी स्मारक संगठन को राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय भी कहा जाता है। यह पटना के गांधी मैदान के उत्तर में अशोक राजपथ पर स्थित है। जून 1965 में यहां महात्मा गांधी की एक सफेद प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था। इस संग्रहालय में गांधी जी के जीवन को प्रदर्शित किया गया है। यहां एक पुस्तकालय हॉलए एक सम्मेलन हॉल और साथ ही गांधी साहित्य केंद्र भी है।

अन्य आकर्षण