
पटना
महान पुरातन भूमि का शहर
क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
बिहार की राजधानी पटना दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है। गंगा नदी के किनारे स्थित यह शहर आज भी अपनी विरासत, देशभक्ति और संस्कृति को गर्व से अपने हृदय में समेटे हुए है। भीड़-भाड़ वाले व्यस्त पटना शहर की विरासत दो हजार वर्ष पुरानी है। यह शहर कई धर्मों का केन्द्र रहा है। कई राजवंशों का गढ़ रहा, यह शहर कई संस्कृतियों और परंपराओं का खजाना है।
इस शहर के हर कोने से प्राचीन बौद्ध, सूफी, जैन, सिख और हिंदू संस्कृतियों की झलक मिलती है। इस शहर ने आज भी अपने ऐतिहासिक आकर्षण को बरकरार रखा है। इस शहर में यहां की समृद्ध विरासत बहुतायत में मौजूद है। पटना शहर की विविधता शिक्षा से लेकर कला तक फैली हुई है। पंडित राम चतुर मुलिक, बारी ज़ोहरा बाई, मुश्तरी बाई, बौराही कनीज़ और उस्ताद गफ़ूर खान जैसे कई प्रसिद्ध संगीतकार और कलाकार इस शहर से आते हैं। यह शहर दादर, कजली, ख्याल और धमार जैसे संगीत की लोकप्रिय शैलियों की जन्मस्थली भी है।
अशोक के शासनकाल में राजधानी कुसुमपुरा; जिसे आज पटना कहते हैं, हुआ करती थी। फिर बाद में उसका नाम तब्दील होकर पुष्पपुर हो गया, जिसके बाद इसे पाटलिपुत्र और फिर अज़ीमाबाद कहा जाने लगा और अन्ततः इसका नाम पटना पड़ा।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पटना शहर ने एक केंद्रीय भूमिका निभाई है। यहां महात्मा गांधी द्वारा स्थापित सदाकत आश्रम है, जहां कई स्वतंत्रता सेनानी आपस में मिलते थे। ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय ध्वज आरोहण करने वाले छात्रों को पटना में गोली मार दी गई थी, उन देशभक्त कॉलेज छात्रों को समर्पित यहां एक स्मारक भी है। कभी न भूलने वाले उन शूरवीरों की श्रद्धांजलि में यह स्मारक आज भी खड़ा है। गांधीजी की अस्थियां भी यहीं गंगा नदी पर स्थित गांधी घाट में विसर्जित की गई थी।