29 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैलाए लखनऊ चिड़ियाघर के नाम से इस लोकप्रिय चिड़ियाघर में 100 से अधिक प्रजातियों के 1000 से अधिक प्राणी हैं। यह प्राणी उद्यानए बाघए सफेद बाघए फिशिंग कैटए भारतीय भेड़िये और तेंदुए के साथ.साथ एक संकर शेर जैसे मांसाहारी जीवों का घर है। इसमें स्लॉथ बीयरए इंडियन ब्लैक बीयरए गीदड़ए लोमड़ीए जंगल कैट जैसी प्रजातियां भी हैं। यहां जिराफए दरियाई घोड़ा और विभिन्न प्रकार के हिरण भी पाए जाते हैं जो शाकाहारी हैं। प्राइमेट्स की कई लुप्तप्राय प्रजातियांए जैसे कि हूलॉक गिब्बन और रीसस बंदर भी चिड़ियाघर द्वारा संरक्षित हैं। इनके अलावाए पक्षियों की अनेकानेक प्रजातियांए जैसे कि सफेद मोरए पहाड़ी मैनाए भारतीय तोता आदिए साथ ही विभिन्न प्रकार के सरीसृप जैसे भारतीय अजगरए कोबराए सांपए मगरमच्छ और कई अन्य प्राणी भी यहां पाए जाते हैं। आगंतुक सुसज्जित मछलीघर और शांत निशाचर घर का मज़ा भी ले सकते हैंए जहां विभिन्न प्रकार के उल्लुओं और साही समेत अन्य निशाचर प्राणियों को पाला.पोसा जाता है।चिड़ियाघर अपनी ष्बाल रेलष् के लिए भी जाना जाता हैए जो बच्चोें को पार्क का चक्कर लगवाती है। आप यहां मानव निर्मित झील में पैडल बोटिंग भी कर सकते हैं। चूंकि यह जगह काफी फैली है और यहां देखने के लिए भी बहुत कुछ हैए इसलिए इस चिड़ियाघर में घूमने के लिए कई प्रदूषण रहित बैटरी चालित वाहन मिलते हैं।उद्यान की स्थापना वर्ष 1921 में हुई थी। प्रिंस ऑफ वेल्स की लखनऊ यात्रा के सम्मान में इसे पहले प्रिंस ऑफ वेल्स जू़लॉजिकल गार्डन कहा जाता था।

अन्य आकर्षण