उत्तराखंड पर शासन करने वाले सभी शासकों ने यहां विशाल मंदिरों का निर्माण करवाया, जिन्हें बनवाने में लकड़ी और पत्थर का जमकर इस्तेमाल किया गया। यहां के मंदिरों में शानदार नक्काशी भी बखूबी देखने को मिलती है। यहां उकेरी गयी रंग-बिरंगी आकृतियों को एपण कला से संवारा गया है, जिसमें खूबसूरत रंगों का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। यहां के मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियां मुख्यतः धातु या पत्थर से बनाई गयी हैं और उन्हें सबसे खूबसूरत और बेहतरीन वस्त्रों एवं आभूषणों से सजाया गया है उत्तराखंड के अधिकांश मंदिर नागर शैली या गढ़वाली शैली में बनाए गये हैं, जिनमें मंदिरों के शिखर को सजाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस शैली में बने मंदिरों की छत आमतौर पर कमल की आकृति लिये होती है और छोटे शिखर पर शेर या हाथी के मूर्ति उकेरी जाती है। इस क्षेत्र में बनाए गये सभी मंदिरों में कत्यूरी, पवार, पौण और चंद राजवंश की वास्तुकला की झलक मिलती है। उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर ऐसी ही नायाब वास्तु-कला का खूबसूरत उदाहरण है। इसी प्रकार यहां स्थित मशहूर बैजनाथ मंदिर भी नागर शैली में बना हुआ है, जो अपने वक्रीय शिखरों के लिए जाना जाता है। कत्यूरी शासकों द्वारा बनवाई गयी मूर्तियां और खूबसूरत वास्तु शैली से सजे यह मंदिर उस दौर की छाप लिये दिखते हैं। उस समय में बने मंदिरों की तरह यह सब मंदिर भी पंचरथ योजना के आधार पर बनाए गये हैं। 

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