रंगोली बनाने की यह एक ऐसी विशिष्ट कला है, जिसमें घरों के दरवाजों पर फूलों की पत्तियों, रंगे हुए चावलों और आटे से खूबसूरत आकृतियां उकेरी जाती हैं। वैसे सबसे ज्यादा रंगोली लाल फर्श पर सफेद चावल के पेस्ट से बनाई जाती है। इस शैली में बनाई जाने वाली रंगोली के अधिकांश डिजाइंस प्रकृति से प्रेरित होते हैं, लेकिन ज्योमितिक आकृतियों का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। लगभग हर कुमाऊंनी महिला को यह कला विरासत में मिलती है। यह रंगोली इतनी पवित्र मानी जाती है कि लोगों का विश्वास है कि जिन घरों के आगे इसे बनाया जाता है, वहां बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पातीं। इसीलिए अक्सर यहां के लोग अपने घरों के भीतर बने मंदिरों को भी एपण से सजाते हैं। 

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