कांची कुडिल

एक शताब्दी पुराने घर को अब एक विरासत संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया हैए यह कांची कुडिल हैए जहां से पर्यटकों को कांचीपुरम शहर के लोगों के भूतकाल के जीवन के बारे में जानकारी मिलती है। कांचीपुरम की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने को मिलता हैए परोसे जाने वाले भोजन और यहां तक कि इस्तेमाल किये जाने वाले फर्नीचर के बारे में भी जानकारी मिलती है। आप इतिहास में वापस कदम रखते हैंए और ऐसे निष्कपट और अभी तक असीम सुंदर समय की यात्रा करते हैंए जब कला और संस्कृति को सर्वोच्च स्थान मिलता था।

संग्रहालय में प्रदर्शन के लिये रखे गये कुछ पुराने अवशेषों में लकड़ी के झूलेए हिलने.डुलने वाली कुर्सियां और बर्तन शामिल हैं। यहां स्थानीय लोगों के जीवन को दर्शाने वाले चित्र रखे गये हैंए साथ ही पारंपरिक दक्षिण भारतीय आभूषण पहने महिलाओं की तस्वीरें भी हैं। प्रार्थना कक्ष देखने से पता चलता है कि लोग कैसे तस्वीरों और पूजा ;अनुष्ठानद्ध की वस्तुओं के माध्यम से अपने भगवान की पूजा.अर्चना करते थे। एक मुख्य शयनकक्ष ;मास्टर बेडरूमद्धए बच्चों के लिए एक कमराए एक पूजा कक्षए खुला आंगनए एक बरामदा और एक पीछे का आंगन कांची कुडिल की कुछ अन्य विशेषताएं हैं। इस घर के सामनेए और कभी.कभी अंदर भी खूबसूरत कोलम चित्र देखे जा सकते हैं।

कांची कुडिल

कांचीपुरम साड़ियों की खरीदारी

रेशम की साड़ी खरीदने के लिए सबसे अच्छे स्थलों में से एक कांचीपुरम है। य़हां साड़ियों को शहतूत के असली रेशम से बुना जाता है। वर्तमान मेंए इस उद्योग में 500 से अधिक परिवार लगे हैं। उनके द्वारा तैय़ार की गई साड़ियों का व्यापार शहर और राज्य की सहकारी समितियों के माध्यम से होता है।

ये साड़ियां अपने आप में काफी अनूठी होती हैंए जिनमें सोने और चांदी के धागों का उपयोग कर बुना जाता है। चूंकि कांचीपुरम पहला और सबसे बड़ा मंदिर शहर हैए अतरू आमतौर पर इन साड़ियों पर बने हुए चित्र मंदिर के जीवन और पूजा से संबंधित होते हैं। लेकिन अबए ज्यामितीय नमूनों और अन्य विषयों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इन साड़ियों के निर्माण में लगने वाले कौशल और समय को देखते हुएए एक कांजीवरम साड़ी की कीमत लाखों रुपये हो सकती है। हालांकिए तांबे और सिंथेटिक धागे से बनने वाली साड़ियां काफी सस्ती और आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

कांचीपुरम साड़ियों की खरीदारी

स्मृति.चिन्ह के लिए खरीदारी

यदि आप पत्थरए जूटए पीतल या तांबे से बनी देवताओं की मूर्तियों को खरीदना चाहते हैंए तो इसके लिए कांचीपुरम सबसे अच्छी जगह है। पर्यटक जूट से बने उत्पादए आभूषण रखने के डिब्बे और सुसज्जित नक्काशीदार मोमबत्ती स्टैंड भी खरीदकर निशानी के रूप में घर ले जाते हैं।

शहर से घर ले जाने के लिए खरीदी जा सकने वाली अन्य वस्तुओं में फलों की टोकरी और सजावटी सामान हैं। आप दुकानदारों से मोलभाव कर सकते हैंए जो आमतौर पर कांचीपुरम और इसके समृद्ध इतिहास के बारे में पर्यटकों से बात करके खुश होते हैं।

स्मृति.चिन्ह के लिए खरीदारी