किसी जमाने में चंदेलों की राजधानी कहलाने वाला महोबा एक प्राचीन शहर था, जो आज अपनी वास्तुशिल्पीय विरासत की वजह से पहचाना जाता है। यहां के कुछ प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में महोबा के किले और झीलों का उल्लेख करना आवश्यक है। यहां तीन झीलें हैं, जो बेहद खास है। इन झीलों का निर्माण चंदेल शासकों ने करवाया था। इनमें रहिला सागर का निर्माण रहिला (885-905 ईस्वी) द्वारा, मदन सागर का निर्माण मदन वर्मा (1128-1165 ईस्वी) द्वारा और कीरत सागर का निर्माण कीर्ति वर्मन (1060-1100 ईस्वी) द्वारा करवाया गया था। यहां मदन सागर देखने जाते समय भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर पड़ता है। ग्रेनाइट से बने इस मंदिर को ककरमठ कहते हैं। खजुराहो वास्तु शैली में बना यह मंदिर पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। महोबा में ही दो प्रसिद्ध कुंड भी हैं, जिनका निर्माण चंदेलों में करवाया था। इन कुंडों को राम कुंड और सूरज कुंड के नाम से जाना जाता है। ये कुंड पिरामिड के आकार में कटे ग्रेनाइट के पत्थरों से सजे हुए हैं। इस शहर का एक अन्य दिलचस्प आकर्षण यहां मिलने वाले किस्म-किस्म के पान हैं, जिन्हें सैलानियों को जरूर चखना चाहिये।   

अन्य आकर्षण