झांसी से करीब 103 किमी दूर बसा है चंदेरी, जिसे पर्यटकों का शहर भी कहते हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, गने जंगलों और खूबसूरत झीलों से घिरा यह शहर यहां की खासियत कही जाने वाली चंदेरी साड़ियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह साड़ियां प्योर सिल्क, सिल्क काटन और चंदेरी काटन से बनाई जाती हैं। इन साड़ियों पर मोर की आकृति, पेड़-पौधों के डिजाइन, पारंपरिक सिक्कों के प्रिंट तथा ज्यामितिय डिजाइनों को बुनकर उकेरा जाता है। इन साड़ियों पर बढ़िया कारीगरी के साथ बेहद खूबसूरत इम्ब्राइडरी की जाती है तथा सोने-चांदी और जरी का बेहद बारीक काम भी किया जाता है। भारत सहित पूरी दुनिया में इन साड़ियों की जबरदस्त मांग रहती है। चंदेरी में एक प्रसिद्ध प्राचीन जैन मंदिर है तथा बहुत से अन्य ऐतिहासिक स्मारक हैं, जिन्हें बुंदेला राजपूतों और मालवा के सुल्तानों ने बनवाया था। यहां आने वाले पर्यटक घूमने के अलावा विशेष रूप से चंदेरी सिल्क की साड़ियां, ब्रोकेड, सलवार-कुरते और मलमल का कपड़ा खरीदने आते हैं। जो लोग यहां की स्थानीय संस्कृति को और करीब से देखना चाहते हैं उन्हें प्राणपुर गांव जरूर जाना चाहिये। 

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