यह पारंपरिक भारतीय व्यंजन एक लोकप्रिय मिठाई है जिसे केसर और इलायची के साथ पानी निकले दही के साथ बनाया जाता है। इस मिठाई के बारे में पहला ऐतिहासिक उल्लेख भारत के पश्चिमी भाग में मिलता है।किंवदंती है कि चरवाहे रात भर दही को उसका पानी निकालने के लिए लटका देते थे और इसीलिए उनके लिए इसे अपने साथ ले जाना आसान रहता था। पानी निकले मोटे दही में फिर चीनी, केसर, पाउडर वाला दूध और मेवे मिलाकर श्रीखंड तैयार किया जाता था। भारत के विभिन्न हिस्सों में इस व्यंजन को विभिन्न प्रकार से तैयार  किया जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात में, दही को दूध से बनाया जाता है, छाना जाता है और फिर मलमल के कपड़े में लटका दिया जाता है। इससे उसमें से सारा पानी निकल जाता है। फिर गाढ़ी दही में चीनी, केसर, पाउडर वाला दूध और मेवे मिलाकर श्रीखंड बनाया जाता है।