द ग्रेट बुद्धा स्टेच्यू एक विस्मयकारी दृश्य है, जो लगभग 25 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है। इसे भारत की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक माना जाता है और इसमें भगवान बुद्ध को ध्यान मुद्रा में कमल पर बैठे हुए दिखाया गया है। 18 नवंबर, 1989 को इसका अनावरण और अभिषेक किया गया था, और इस समारोह में 14 वें दलाई लामा ने भाग लिया और इस स्थल को आशीर्वाद दिया। प्रतिमा बोधगया का प्रतीक है और दुनिया भर से तीर्थयात्री इसे देखने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि इस प्रतिमा को बनने में सात साल लगे थे और इसके निर्माण में लगभग 120,000 राजमिस्त्री लगे थे। 1982 में महाबोधि मंदिर के पास प्रतिमा की आधारशिला रखी गई थी। लाल ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर के खंडों से बनी यह मूर्ति ऐसी है कि इससे नजरें ही नहीं हटती हैं। 

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