गुड फ्राइडे दुनिया भर में रहने वाले ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले बहुत प्रमुख आयोजनों में से एक है। इस विशेष दिन ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ईसा मसीह मानव कल्याण के लिए हंसते-हंसते सूली पर चढ़ गए थे। उन्होंने मानव को बुराइयों से बचने का संदेश दिया था ताकि वे परमपिता परमेश्वर को पा सकें। ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में भी यही कहा गया है ‘‘परमेश्वर को अपनी बनाई दुनिया और लोगों से इतना प्रेम है कि उसने अपने एकलौते पुत्र को मानव की सेवा के लिए धरती पर भेजा। उसे विश्वास था कि उसका पुत्र मानव का अहित नहीं होने देगा और अनंतकाल तक उनकी सेवा करता रहेगा।’’ ईसाइयों का मानना है कि ईसा मसीह ने मानव तथा दुनिया भर की समस्त बुराइयों का सारा भार अपने कंधों पर उठा लिया। दूसरों द्वारा किए गए अपराधों की सजा स्वयं भुगतते हुए वह सूली पर चढ़ गए थे। ईसाई समुदाय के लोगों का मानना है कि जो इस बात पर विश्वास रखते हैं कि ईसा मसीह उनके लिए ही सूली पर चढ़ गए थे, उन्हें नरक की आग में जलने से बचाया जाएगा और देवताओं की शरण मेंभेजा जाएगा।
कैसे मनाते हैं इसे?
दुनिया भर के गिरिजाघरों में दोपहर से लेकर शाम तीन बजे तक प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी अवधि में ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ऐसा भी कहा जाता है कि यरूशलेम ही वही जगह है, जहां ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था। श्रद्धालुगण उस रास्ते पर चलते हैं, जिन पर ईसा मसीह गए थे। वे डोलोरोसा से होते हुए उस स्थान पर पहुंचते हैं, जहां पर ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ईश्वर के पुत्र ईसा मसीह ने मानवजाति के लिए जितनी पीड़ा उठाई, उसके प्रतीक के रूप में लोग भी अपने कंधों पर भारी-भरकम सूली उठाकर चलते हैं।