पोरबन्दर के बाहरी क्षेत्र में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर को हर्षल माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर गुजरात के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। लोगों का ऐसा विश्वास है कि असली मंदिर समुद्र के ठीक सामने एक पहाड़ की चोटी पर हुआ करता था। यह भी कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने कोयला डूंगर नामक एक पर्वत पर रहकर देवी की आराधना की थी और फिर जब देवी अंबा ने दुष्ट जरासंध का वध करने में उनकी सहायता की तो संपूर्ण यादव वंश में हर्ष की लहर दौड़ गयी। इसके बाद श्रीकृष्ण ने इस मंदिर का निर्माण करवाया और तब से देवी हरसिद्धि को यादवों की कुल देवी के रूप में पूजा जाने लगा। 

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