इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए मदुरै भ्रमण में यहाँ का राजकीय संग्रहालय एक ज़रूरी भ्रमण स्थान है। शहर के गांधी संग्रहालय के नज़दीक ही स्थापित यह राजकीय संग्रहालय बड़ी संख्या में आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसमें मदुरै की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करते दुर्लभ प्रदर्शक संग्रहीत हैं। इसके साथ ही यहाँ प्राचीन वस्तुओं, चीनी मिट्टी के बरतनों, ताड़ के पत्ते की पांडुलिपियों, कांस्य की मूर्तियों और कलश के बर्तनों को भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है। लेकिन इस संग्रहालय का सबसे दिलचस्प खंड वह है जहाँ विभिन्न उत्खननों में प्राप्त की गई कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाता है। इसके अलावा इसका एक अन्य खंड पुरापाषाण, सूक्ष्मपाषाण और नवपाषाण युग के उपकरण भी प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं, जो इतिहास को देखने का एक अलग ही दृष्टिकोण देते हैं; आप यदि इतिहास और कला प्रेमी हाँ तो मदुरै की यात्रा के दौरान यहाँ जाना किसी भी सूरत में न भूलें। इस संग्रहालय को 1981 में हुए 5वें विश्व तमिल सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था, और यह एक ऐसा अनूठा संग्रहालय है जो न सिर्फ़ पुरातत्व बल्कि नृविज्ञान, प्राणी विज्ञान, मुद्राविज्ञान, वनस्पति विज्ञान और भूविज्ञान के विद्वानों और उनमें रुचि रखने वालों को एक साथ अपनी ओर आकर्षित करता है। मदुरै की जिस इमारत में गांधी संग्रहालय और सरकारी संग्रहालय स्थित हैं, उसे स्थानीय लोगों द्वारा तमक्कुम बंगला के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस इमारत का निर्माण ​रानी मंगलम(1689-1704) नाम की प्रख्यात नायक रानी ने करवाया था।

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