मदुरै से लगभग 140 किमी की दूर अमरावती नदी के तट पर स्थित करूर नामक बहुत से प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, और इसे इस समूचे क्षेत्र में स्थापित सात पवित्रतम शिवालयों में से एक माना जाता है। करूर का सबसे लोकप्रिय मंदिर पाशुपतिश्वरलिंगम मंदिर है जिसमें पांच फीट लंबा लिंगम स्थापित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर इस क्षेत्र के सात प्रमुख शिवलिंगों में से एक है। करूर के अन्य प्रमुख मंदिरों में श्री करुवुर मरिअम्मन मंदिर, कल्याण वेंकटरमण स्वामी मंदिर उल्लेखनीय हैं। आप यहाँ का भ्रमण करें तो करूर के राजकीय संग्रहालय को भी ज़रूर देखें, जिसमें सिक्कों, चट्टानों, जीवाश्मों और स्वच्छ जलीय सीपियों के साथ ही कांस्य की वस्तुओं, धातु के बर्तनों और प्राचीन संगीत वाद्ययंत्रों का एक बड़ा संग्रह प्रदर्शित करने के लिए रखा गया है। ख़रीदारी के शौकीनों के लिए करूर एक समृद्ध बाज़ार जैसा है, और अपने कुटीर उद्योगों और पीतल के बर्तनों के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। इनके अलावा इस शहर में कुछ कीमती और अर्ध-कीमती रत्नों जैसे चंद्रकांत, बैरूंज, सूर्यकांत मणि, स्फतीय और बिल्लौर का भी उत्पादन होता है। पोंगल, आड़ी पेरुक्कू, वैकुंठ एकादसी और करूर के वार्षिक त्योहार मरियम्मन जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों को यहाँ बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है और उस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं, आप भी उस समय यहाँ आकर इसके आनंद के चरमोत्कर्ष को महसूस कर सकते हैं।

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