एक अत्यंत पतली सड़क जो मट्टनचेर्री पैलेस और यहूदी आराधनालय के बीच से निकलता है, ज्यू टाउन, शहर के सबसे पुराने स्थानों में से एक है, जहां किसी समय में यहूदी रहा करते थे। आज, भी यहां बहुत चहल-पहल रहती है और यहां अद्वितीय हस्तशिल्प, सुगंधित मसाले और उत्तम प्राचीन वस्तुएं मिलती हैं। शालोम बोलते हुए जब विक्रेता आपका गर्मजोशी से स्वागत करते करते हुए अभिवादन करते हैं तो आप स्वयं को समृद्ध यहूदी संस्कृति में सराबोर हुआ महसूस करते हैं। वहां से आप यहूदी संस्कृति के स्मारक, पीतल की मूर्तियां, पश्मीना शॉल, चीनी फूलदान, कैंडलस्टिक्स, गुलाब जल छिड़कने वाले पात्र, आदि खरीद सकते हैं। जब दुकानों पर जाएं, तो गर्म कॉफी का एक प्याला पीना मत भूलें। एकदम तरोताज़ा महसूस करेंगे और विभिन्न कैफों में मिलने वाले पारंपरिक व्यंजनों को भी अवश्य खाएं जो दुबारा से बनाए गए मसालों के गोदामों के ऊपर बने हैं। 

किंवदंती है कि कोच्चि के राजा ने वहां व्यापार करने आए यहूदियों को भूमि का एक टुकड़ा दिया था। स्थान को मट्टनचेर्री कहा जाता था क्योंकि 'मट्टन' शब्द एक हिब्रू शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है दान और मलयालम में 'चेर्री' बस्ती को कहा जाता है। 1341 में पेरियार नदी में बाढ़ आने के बाद, कोच्चि बंदरगाह का निर्माण किया गया, जिसने शहर को मसाला-व्यापारिक केंद्र बनने में मदद की। 1948 में जब तक इजरायल नहीं बना था, तब तक ज्यू टाउन एक प्रमुख यहूदी बस्ती थी। आज, केवल कुछ मुट्ठी भर यहूदी ही यहां रहते हैं।

एक प्रमुख आकर्षण है 1568 में बनाया गया परदेसी सिनेगोग है। यह प्रभावशाली भवन बेल्जियम के झाड़फानूस से सज्जित है जो बहुत ही शान से चमकता है। आराधनालय के फर्श पर चीन की विलो-पैटर्न वाली और हाथ से पेंट की गई टाइलें बिछी हैं, जो माना जाता है कि 18 वीं शताब्दी की हैं। यह माना जाता है कि आराधनालय में टोरा (ओल्ड टेस्टामेंट की पहली पांच पुस्तकें) के चार सूचीपत्र हैं। ये सोने और चांदी के प्रकोष्ठों में रखे हैं।

अन्य आकर्षण