शहर के केंद्र में स्थित, 100 साल पुराना दरबार हॉल एक शांतिपूर्ण स्थान है, जो ऐतिहासिक आकर्षण से गूंजता है। राजाओं द्वारा आयोजित सम्मेलनों और बैठकें जिस हॉल में हुआ करती थीं, वह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है।

वर्तमान में, इसे दरबार हॉल आर्ट गैलरी के रूप में जाना जाता है। इमारत का अग्रभाग एकदम आडंबरपूर्ण है जिस पर डच संस्कृति का प्रभाव साफ दिखाई देता है। वहां एक चौड़ा बरामदा भी है और  आधुनिक सज्जा और संगमरमर का फर्श है। राजा रवि वर्मा, मनु पारेख, सूजा और पद्मिनी जैसे प्रसिद्ध कलाकारों की पेंटिंग इसकी भीतरी दीवारों पर लटकी हैं। पहली मंजिल केरल ललिता कला अकादमी को दी गई थी, जिसने 1991 में गैलरी ऑफ कंटेम्प्रेरी आर्ट खोली थी। यहां नियमित रूप से कला प्रदर्शनियों भी आयोजित की जाती हैं।

एक जमाने में, 1938 में प्रशासनिक सुधारों के गठन और कोचीन राज्य के संविधान की स्थापना जैसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी यह हॉल बन चुका है। इसी जगह पर सांस्कृतिक और खेल आयोजनों, प्रदर्शनियों और सैन्य परेड भी होती रही हैं। विभिन्न सरकारी और कलात्मक निकायों ने अपने मुख्यालय के रूप में भवन का उपयोग किया है। पुरातत्व विभाग के तहत, इमारत को परीक्षित थंपुरन संग्रहालय के रूप में जाना जाता था।

अन्य आकर्षण