केदारनाथ मंदिर के थोड़ा पीछे आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इसी संत ने भारत में चार पावन धामों की स्थापना की थी, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। इस प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक को 32 वर्ष की युवावस्था में निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि शंकराचार्य स्वयं ही धरती में समाहित हो गए थे। हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां पर आते हैं, केदारनाथ में शंकराचार्य की समाधि बेहद लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। किंवदंती के अनुसार, शंकराचार्य 8वीं सदी में केदारनाथ आये थे और केदारनाथ मंदिर एवं अपने चार मठों में से एक का निर्माण कराया था। ऐसा माना जाता है कि शंकराचार्य ने अपने अनुयायियों के लिए गर्म पानी का कुंड बनाया था ताकि वे इलाके के बेहद ठंडे मौसम से बचाव कर सकें।

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