कौसानी की यात्रा बिना सोमेश्वर नाथ के मंदिर जाए पूरी नहीं मानी जाती। शहर के बाहरी छोर पर एक विशाल चट्टान को काटकर सोमेश्वर नाथ का मंदिर बनाया गया है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में चांद राजवंश के संस्थापकों द्वारा करवाया गया था। मंदिर का नाम इस शहर को बसाने वाले राजा सोमचंद के नाम और भगवान शिव के नाम को मिलाकर रखा गया है। इस स्थान पर शिव, महेश्वर के नाम पूजे जाते रहे हैं। इसलिए इस स्थान को सोमेश्वर कहा गया है। हिमालय की ऊंची-ऊंची बर्फीली चोटियों से घिरा यह मंदिर कुदरत की एक बेमिसाल चित्रकारी सा प्रतीत होता है। यहां मंदिर में बजती घंटियों का स्वर और धूप-बत्ती की खुशबू से सुवासित माहौल इस जगह को बेहद शांत और सुकूनभरा अहसास देता है। सोमेश्वर के नजदीक ही एक कुंआ भी है, जिसके बारे में प्रचलित है कि यहां श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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