भगवान सुब्रह्मण्य ;मुरुगद्ध को समर्पितए थिरुथानी का मंदिर एक छोटी.सी पहाड़ी पर स्थित है और कहा जाता है कि यह भगवान मुरुग के छह निवास.स्थानों या ष्पैड़ई वीदुष् में से एक है। किंवदंती है कि भगवान मुरुगा ने यहां अपनी दो संगिनियों में से एकए वल्ली से शादी की थी। वे सुरापदमन नामक राक्षस को हराने के बाद थिरुथानी में रह गये।

मंदिर तक पहुंचने के लिये 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां चार बाड़े हैंए साथ में आप्त सहाय विनायकर को समर्पित मंदिर हैए जिन्होंने कथित रूप से शादी में वल्ली का हाथ जीतने में भगवान मुरुग की सहायता की थी। स्वयं भगवान मुरुग की उत्तम आभूषणों से सज्जित छवि को रुद्राक्ष टावर में रखा गया है।

थिरुथानी शहर प्रमुख विद्वानए राजनेता और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉण् एस राधाकृष्णन की जन्मस्थली भी है। पोसम और पंगुनी उथिरम त्यौहारों के दौरान यहां हजारों पर्यटक आते हैं। यह त्यौहार मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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