पीढ़ियों से गिरनार पर्वत गुजरात का एक प्रमुख तीर्थ रहा है। हिमालय पर्वत से भी पुराने इस पर्वत पर बहुत सारे हिन्दू और जैन मंदिर हैं जो इसकी पांच अलग-अलग चोटियों पर स्थित हैं। इन चोटियों तक जाने के लिए दामोदर कुंड के पास बनी सीढ़ियों से जाया जा सकता है। यह चढ़ाई अपने-आप में एक यादगार अनुभव साबित होती है क्योंकि इस दौरान आपको आसपास के बेहद खूबसूरत और मनोरम प्राकृतिक नजारे दिखाई देते हैं। पांचों चोटियों को आपस में जोड़ते पत्थरों से बने रास्ते से होकर गुजरते हुए यात्रियों को हिन्दू धर्म के विभिन्न पंथों से जुड़े प्राचीन मंदिर देखने को मिलते हैं। फिर एक पठार पर उन्हें जैन मंदिरों का भी एक समूह मिलता है जो कि उतना ही आकर्षक है। कहा जाता है कि इन्हीं में से किसी स्थान पर 700 वर्ष तक तपस्या करने के बाद 22वें जैन तीर्थंकर ने शरीर त्यागा था। ज्यादातर यात्री यहां पर होने वाले गिरनार महोत्सव या फिर शिवरात्रि उत्सव के दौरान आते है जिस दौरान यहां भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं।

अन्य आकर्षण