नरसिंह मेहता का मंदिर एक पूज्यनीय स्थल है जहां 15वीं सदी के संत कवि नरसिंह मेहता धार्मिक सभाएं, प्रवचन, भजन आदि का आयोजन करते थे। बगल में ही गोपीनाथ का एक छोटा-सा मंदिर है जिसमें श्री दामोदर राय जी और नरसिंह मेहता की मूर्तियां स्थापित हैं। नरसिंह मेहता एक महान संत कवि थे जिनकी कविताएं, भजन आदि गुजरात में बहुत लोकप्रिय हैं। वह भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त, विद्वान, दार्शनिक व समाज सुधारक थे। महात्मा गांधी का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने रे कहिए जे पीड़ पराई जाने रे...’ असल में नरसिंह मेहता ने ही लिखा था। इस भजन में एक सच्चे भक्त के गुणों का वर्णन किया गया है। निकट के कुछ अन्य दर्शनीय स्थानों में आयुर्वेदिक संग्रहालय, विलिंगडन बांध, नरसिंह मेहता झील, दातार हिल्स और दामोदर जी मंदिर आदि प्रमुख हैं।

अन्य आकर्षण