यह प्रसिद्ध मंदिरए जिस ने 1971 के भारत.पाकिस्तान युद्ध के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाईए एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहाँ ज़रूर जाना चाहिए। यह मंदिर तनोट माता को समर्पित हैए जो हिंगलाज माता की अवतार मानी जाती हैं। यह मंदिर दोनों देशों के बीच लोंगेवाल की सीमा के काफी नजदीक स्थित है। ऐसी मान्यता है कि युद्ध के दौरान हजारों बम बरसाए गए थे लेकिन जो भी बम मंदिर के पास गिरे थेए फटे नहींए इस तरह उन्होंने स्थानीय लोगों और सैनिकों की रक्षा की। पर्यटक इससे लगे हुए संग्रहालय की सैर भी कर सकते हैंए जिसमें युद्ध के समय की यादगारें रखी गई हैं। इस मंदिर की देखभाल भारत के सीमा सुरक्षा बल द्वारा की जाती है। इस क्षेत्र में पवनचक्कियों की कतारें भी हैं जो क्षेत्र की निस्तब्धता को तोड़ती हैं। यह मंदिर जैसलमेर से 150 किमी की दूरी पर है। 

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