धरोहर शहर पोखरण जैसलमेर से लगभग 110 किमी दूर थार रेगिस्तान के बीचों बीच स्थित है। वास्तविक अर्थों में यह पाँच मृगतृष्णाओं वाला एक स्थान है और यह पाँच बड़ी नमक की चट्टानों से घिरा हुआ है। राजशाही हवेलियाँए प्राचीन मंदिर और भव्य संरचनाएँ इसकी शोभा बढ़ाती हैं। पोखरण में समय थम गया है। इसका मुख्य आकर्षण पोखरण का किला हैए जो चंपावत राठौड़ों का गढ़ थाए जो मारवाड़ के शक्तिशाली राजपूत रईस थे।

इस किले को अब एक धरोहर होटल में तब्दील कर दिया गया हैए जिसमें एक संग्रहालय भी हैए जिसमें स्थानीय हस्त कलाकृतियों एवं अन्य कलाकृतियों का दिलचस्प संग्रह मौजूद है। पर्यटक रामदेवरा गाँव भी देख सकते हैं जो एक छोटा सा गाँव है और जो अपने पवित्र मंदिरों के लिए मशहूर है। यह बाबा रामदेव जी का अंतिम विश्राम स्थल माना जाता हैए जो 14वीं शताब्दी के एक संत थेए और जिन के बारे में हिन्दू विश्वास करते हैं की वह भगवान श्री कृष्ण का अवतार थे। अगस्त और सितंबर के बीच में यहाँ एक बड़ा मेला लगता हैए जिस को रामदेवरा मेले के नाम से जाना जाता हैए जिस दौरान पूरे प्रदेश से हजारों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। पोखरण इस बात के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है कि यहाँ वेधशाला और भूमिगत परीक्षण की सुविधा उपलब्ध हैए जहां 1988 में न्यूक्लियर टेस्ट किया गया थाए जिसके बाद भारत को सम्पूर्ण न्यूक्लियर शक्ति घोषित कर दिया गया था। 

अन्य आकर्षण