घूमर नृत्य का एक रंगीन प्रदर्शन हैए यह आँखों के लिए एक ईनाम जैसा होता है। इसका प्रदर्शन आम तौर पर औरतों द्वारा किया जाता हैए जो घेरदार घाघरा और रंग बिरंगा दुपट्टा ओढ़े होती हैं। इस नृत्य की ताल मनमोहक होती हैए जो चरम की तरफ बढ़ते हुए गति पकड़ती जाती है। घूमर पारंपरिक रूप से भील जाति का लोक नृत्य हैए जो केवल नाच गाने का प्रदर्शन ही नहींए बल्कि यह स्त्रीत्व का उत्सव है। एक यादगार उत्सवए जिसमें नौजवान लड़कियाँ यह घोषित करने के लिए हिस्सा लेती हैं कि वह अब औरत बन चुकी हैं।

मारवाड़ए जो मारवाड़.जोधपुर क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता हैए घूमर के लिए प्रसिद्ध हैए जहां राजस्थानी समाज पहली वर्षाए दीवालीए होलीए और अन्य उत्सवों के अवसर पर इस नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। इस में मर्द सुंदर चेष्टाएँ करते हुए एक साथ नाचते हैंए जैसे तालियाँ बजानाए चुटकियाँ बजाना और चक्कर खाना। यह अपनी पारंपरिक वेश भूषा के लिए मशहूर हैए जो हैए एक चोलीए एक घाघरा या चनिया ;घेरदार घाघरा जो टखने या घुटनों तक होता हैद्ध और एक पारभासी चूनरए जिससे घूंघट काढ़ा जाता है। 

अन्य आकर्षण