जैसलमेर के मुख्य शहर की संकरी गलियों में स्थित खूबसूरत पटवों की हवेली अपनी खूबसूरत चित्रकलाओंए जटिल नक्काशी और स्थापत्य के भव्य तरीके के कारण मशहूर है। यह पूरी संरचना केवल एक हवेली नहीं बल्कि पाँच छोटी सुंदर हवेलियों का एक समूह है। इनमें से पहली हवेली का निर्माण सन 1805 में गुमान चंद पटवा द्वारा कराया गया था। इस भव्य महल की भीतरी दीवारों पर कुछ चित्र और शीशे का कलात्मक काम किया गया है।

उन पर्यटकों को जो इस क्षेत्र के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास में दिलचस्पी रखते हैंए सेवाएँ देने के लिए महल के एक हिस्से को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया हैए जिसमें 19वीं शताब्दी की शुरुआत की कई कलाकृतियों को रखा गया है। इस हवेली के कोने कोने में व्यक्तिगत चित्र और हर मेहराब के विषयवस्तु में स्थानीय राजस्थानी शिल्पकारों की मेहनत और सुरुचिपूर्ण हुनर का जायजा लिया जा सकता है। हालांकि पूरी हवेली सुनहरे पत्थरों की बनी हैए पटवों की हवेली का मुख्य द्वार कत्थई रंग का है। 

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