धुआंधार प्रपात से लेकर फन-पार्कों में मस्ती करने तक जबलपुर में करने के लिए बहुत कुछ है।

भोजन और पकवान

स्ट्रीट फूड से लेकर स्थानीय व्यंजनों तक जबलपुर में चखने-खाने के लिए बहुत कुछ है। भुट्टे की खीस यहां का प्रमुख व्यंजन है जिसे कसे हुए मकई के दानों को मसालों के साथ पका कर और फिर दूध में उबाल कर बनाया जाता है। मीठा पसंद करने वालों को यहां की जलेबी बहुत भाएगी। जबलपुर में इसे बहुत ही अलग तरह से और सलीके से बनाया जाता है। आटे के घोल से तैयार जलेबियों को घी में तल कर चाशनी में डुबो कर कुरकुरा और स्वादिष्ट बनाया जाता है।

डुमना नेचर पार्क

जबलपुर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डुमना नेचर पार्क एक ईको-टूरिज्म स्थल है। यह पार्क गीदड़, चित्तीदार हिरण, तेंदुए, जंगली सुअर, सीही जैसे कई वन्य-प्राणियों का आश्रय-स्थल है। सर्दियों में यहां कई किस्म के प्रवासी पक्षी आ बसते हैं जिन्हें देखने के लिए यहां दूर-दूर से बर्ड-वॉचर भी आ पहुंचते हैं। इसे एक पारिवारिक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित किया गया है और यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए एक पार्क, एक रेस्टोरेंट और मछली पकड़ने का एक प्लेटफॉर्म भी है। अगर पर्यटक चाहें तो उनकी शारीरिक कसरत के लिए यहां साइकिल-ट्रैक और एक पैदल-ट्रैक भी बनाए गए हैं। यहां एक टॉय-ट्रेन भी चलती है जो बच्चों के बीच खासी लोकप्रिय है। इस पार्क में खंदारी जलाशय भी है जिसे देखना आंखों को सुकून देता है।

डुमना नेचर पार्क

तिलवारा घाट

नर्मदा नदी के किनारे स्थित तिलवारा घाट जितना शांत है उतना ही पवित्र। इस घाट पर स्थित भगवान शिव को समर्पित तिलेश्वर मंदिर एक दर्शनीय स्थल है। यह घाट उन स्थानों में शामिल है जहां महात्मा गांधी की अस्थियां प्रवाहित की गई थीं।

तिलवारा घाट

धुआंधार प्रपात

इस जगह पर 98 फुट की ऊंचाई से नर्मदा का पानी गिरता है। इतनी ऊंचाई और वेग से चट्टानों पर गिरती पानी की बूंदें इतने छोटे-छोटे कणों में बंट जाती हैं कि लगता है जैसे पानी नहीं बल्कि धुआं उड़ रहा हो। धुएं की इसी पर्त के कारण ही इस प्रपात का नाम धुआंधार पड़ा। इस नजारे को देखना आनंदित कर देता है और इसे भुलाया नहीं जा सकता। मार्बल रॉक्स यहीं पास में ही है और जो लोग इस धुएं की बौछारों में भीगना चाहते हैं उनके लिए यहां नौकायन की सुविधा भी है। इस झरने को भेड़ाघाट की तरफ से भी निहारा जा सकता है जहां से संगमरमरी चट्टानों के बीच से होकर बहती नर्मता का खूबसूरत नजारा दिखता है। इस जगह की यात्रा नर्मदा महोत्सव के दौरान भी की जा सकती है।

धुआंधार प्रपात