चम्बल, काली एवं सिंध जैसी सुंदर नदियों से घिरा ऐतिहासिक शहर भिंड पौराणिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर का मुख्य आकर्षण अटेर का किला है, जिसका निर्माण भदौरिया राजाओं बदन सिंह, महा सिंह एवं भक्त सिंह द्वारा 1664-1698 के दौरान किया गया था। किले की भव्य संरचना इस क्षेत्र का इतिहास परिलक्षित करने की उपयुक्त जगह है तथा इसे देखकर कल्पना की जा सकती है कि उस दौर में राजा किस प्रकार से जीवन व्यतीत किया करते थे। यह किला चम्बल नदी के बीहड़ों के भीतर बनाया गया है और उसके अनेक भाग देखने लायक हैं। इन विभिन्न भागों में से प्रमुख खूनी दरवाज़ा है, जो मुग़लकाल में बने इस किले का पहला तथा मुख्य द्वार है। 

इस द्वार को यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि अपराधियों को सज़ा के तौर पर इसके ऊपर बने लोहे की सलाखों पर फेंक दिया जाता था। अन्य आकर्षणों में गणेश मंदिर, राजा एवं रानी के निवास कक्ष शामिल हैं। 

अन्य आकर्षण