असम के वन्य जीव अभयारण्यों में वनस्पती और जीव जन्तुओं की अनगिनत प्रजातियों से रू-ब-रू हो जाएये..... 

असम स्टेट जू

उत्तर-पूर्व के सबसे बड़े चिड़ियाघर के रूप में प्रसिद्ध असम स्टेट जू, करीब 113 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के 900 से अधिक देसी और विदेशी जीव जन्तुओं तथा पक्षियों का घर है। यह चिड़ियाघर हंगरबाड़ी संरक्षित वन का ही एक हिस्सा है। सन 1957 में बना यह चिड़ियाघर करीब 175 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यहां 82 हेक्टेयर में एक पार्क भी बनाया गया है, जिसमें अनेकों प्रकार के पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं। 

असम स्टेट जू

अमचांग वन्य जीव अभयारण्य

गोवाहाटी से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित है अमचांग वन्य जीव अभयारण्य, जिसे 19 जून, 2004 में असम सरकार द्वारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया था। करीब 78.64 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के पक्षियों तथा जीव-जन्तुओं के प्राकृतिक आवास के रूप में प्रसिद्ध है। यहां कुछ बेहद प्रसिद्ध जंगली जानवर जैसे फ्लाइंग फाक्स, तेंदुआ, दक्षिण एशियाई बंदर, केप्ड लंगूर, जंगली बिल्ली, जंगली सुअर, बार्किंग डियर, गिद्ध, साही, पायथन, भारतीय कोबरा, मानिटर लिजर्ड और लेसर पाइड देखने को मिलते हैं। यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी रोमांच प्रेमियों के लिए किसी जन्नत की तरह है। क्योंकि यहां जिप लाइनिंग, माउंटेन रैपलिंग, ट्रैकिंग और राक क्लाइमिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए भारी संख्या में सैलानी आते रहते हैं। अमचांग का ट्रिप, सैलानियों को रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य के ऐसे सफर पर ले जाता है, जिसे वह जीवनभर याद रखते हैं। 

अमचांग वन्य जीव अभयारण्य

दीपोर बील वन्य जीव अभयारण्य

गोवाहाटी से करीब 10 किमी दूर स्थित दीपोर बील, ब्रह्मपुत्र घाटी से निकलने वाली अनकों नदियों और झीलों में से एक है। यह जगह बर्ड लाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्पूर्ण पक्षी स्थल के रूप में चिन्हित की गयी है। बीपोर बील, करीब 219 पक्षी प्रजातियों तथा 70 प्रवासी पक्षी प्रजातियों के लिए प्राकृतिक आवास के रूप में जाना जाता है। लोग यहां पलस, सी ईगल, सारस की विभिन्न प्रजातियों, हवासील और बेअर्स पोचर्ड की विलुप्त होती प्रताजियों को देख सकते हैं। इसके अलावा पर्यटकों को यहां अन्य वन्य-जीव जंतु जैस एशियाई हाथी, तेंदुआ, सांबर, बार्किंग बीयर और चीनी साही भी देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं यह पार्क करीब 20 प्रजातियों के उभयचरों, 12 प्रकार की छिपकलियों, 18 किस्म के सांपों और कछुओं तथा 50 तरह की मछलियों का भी आवास स्थल है। यहां की इस प्राकृतिक संपदा से रू-ब-रू होने के लिए अक्तूबर से मार्च के बीच में आना चाहिये। 

दीपोर बील वन्य जीव अभयारण्य

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य

करीब 38.81 वर्ग किमी में फैला पोबितोरा वन्य जीव अभयारण्य, कांजीरंगा के जंगलों को गहराई से समझने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। यह अभयारण्य विश्व प्रसिद्ध एक सींग वाले भारतीय गैंडे का घर है जो कि अब लगभग लुप्त होती एक प्रजाति है। सघन पेड़-पौधों से लबरेज यह सेंचुरी बहुत से दुर्लभ पक्षियों के लिए भी जानी जाती है। नमी वाला यह इलाका- एजीटांट, तीतर, सफेद बगुला आदि पक्षियों को बहुत रास आता है। और अगर आप भाग्यशाली हैं तो कुलांचे मारती डालफिन्स को भी देख सकते हैं, जो ब्रह्मपुत्र नदी में पायी जाती हैं।

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य