याना एक अनूठा गाँव है जहाँ सहयाद्री की दिलकश पहाड़ियों का विस्तार बाहर की ओर उभरी दो अद्भुत चट्टानों के साथ-साथ दिखाई पड़ता है, जिसे स्थानीय लोग भैरवेश्वर शिखर और मोहिनी शिखर के नाम से जानते हैं। आगे की ओर से जाती निकटवर्ती सड़क के रास्ते हरे-भरे सघन वनों से गुजरते हुए लगभग आधा किलोमीटर पैदल चल कर यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। भैरवेश्वर शिखर की ऊँचाई 390 फीट है जबकि मोहिनी शिखर 300 फीट ऊँचा है। पारदर्शी चूना पत्थरों से निर्मित ये दोनों चट्टान गहरे काले रंग के हैं। निकटवर्ती धार्मिक आकर्षण भैरवेश्वर शिखर के नीचे बना एक गुफा मंदिर है, जहाँ एक स्वयंभू लिंग जो आपरूपी उत्पन्न लिंग हुआ है, अवस्थित है। छत से टपकने वाली पानी की बूंदे केवल इस शिवलिंग पर पड़ती हैं, और अनेक लोगों का मानना है कि यह इस स्थल को और अधिक पवित्र बना देता है। यहाँ आयोजित होने वाले वार्षिक शिवरात्रि महोत्सव का एक रोचक हिस्सा कार उत्सव है जो बड़ी संख्या में सैलानियों को यहाँ खींच लाता है। इस सुंदर स्थली को देखने हर साल यहाँ हजारों तीर्थयात्री झुंड बना कर पहुँचते है। साहसिक पर्यटन के शौकीनों के लिए उभरी हुई चट्टानें और पहाड़ियाँ ट्रेकिंग के लिए कई पथ और मार्ग उपलब्ध कराती हैं। साथ ही यहाँ रंग-बिरंगे पक्षियों को देखने का भी बेहतरीन अवसर हाथ लगता है। पर्यटकों की लगातार आवाजाही के बावजूद, अपनी कच्ची सड़कों और पश्चिमी घाटों की हरी-भरी बाँहों के बीच कतारबद्ध खड़ी कुकुरमुत्ते की आकृति वाली झोंपड़ियों के साथ याना गाँव ने अपने ग्राम्य आकर्षण को बचाए रखा है।

अन्य आकर्षण