होनावर का बंदरगाह शहर अपने सुरम्य सौंदर्य और अनेकानेक द्वीपों के लिए विख्यात है जिनका निर्माण शारावती नदी के अरब सागर में विलीन होने से हुआ है। प्राचीन अप्सरा कोंडा जलप्रपात और कसरकोड समुद्र तट इस क्षेत्र के अन्य आकर्षण हैं। अप्सरा कोंडा का शाब्दिक अर्थ है ‘स्वर्ग की अप्सराओं का कुंड’ और जब आप नीचे गिरती जलधारा पर अपनी नजर जमाते हैं तो वे उतने ही अद्भुत नजर आते हैं जितना कि इसका नाम सुझाता है। पर्यटक यहाँ रामतीर्थ के भी दर्शन कर सकते हैं, जोकि एक बड़ा कुंड है और जिसमें दो ऊँचाइयों से जल गिरता है। एक को रामतीर्थ कहते हैं और नीचे वाली दूसरी जलधारा को लक्ष्मण तीर्थ का नाम दिया गया है। स्थानीय आख्यानों में दावा किया जाता है कि राम, लक्ष्मण और सीता ने अपने वन निष्क्रमण के दौरान इस कुंड के पवित्र जल में स्नान किया था। होनावर को अपने सम्मोहित कर देने वाली नृत्य-नाटिका के लिए भी जाना जाता है, जिसे ‘यक्षगान’ कहते हैं।

होनावर शब्द का मूल अवश्य ही ‘होनावरी’ या ‘होनावरे’ से निकल कर आया है, जोकि इस क्षेत्र का एक जाना-पहचाना पौधा है। अब, होनावर को तकनीकी चमत्कारों की स्थली भी माना जाता है, जैसे कि शारावती नदी के आर-पार एक लंबे सेतु (पुल) के लिए।

अन्य आकर्षण