यह जिस इमारत में बनाया गया है, पहले यह सेंट थॉमस चर्च के नाम से जाना जाता था। दीव म्‍यूजियम इस केंद्रशासित प्रदेश की सांस्‍कृतिक विरासत और समृद्ध इतिहास का प्रतिनिधित्‍व करता है। सफेद दीवारों वाला यह भव्‍य म्‍यूजियम लकडि़यों की बारीक नक्‍काशी, पत्‍थर के शिलालेखों, धूप घड़ी, प्राचीन मूर्तियों तथा कई अन्‍य ढेर सारी चीजों का संग्रह स्‍थल है। ऐसा माना जाता है कि चर्च की इस इमारत का निर्माण 15वीं शताब्‍दी में किया गया था और धार्मिक कलाकृतियों में सेंट थॉमस और सेंट पॉल की लकड़ी की मूर्तियां भी शामिल हैं। पर्यटकों को म्‍यूजियम में जाने के लिये कोई एंट्री फीस देने की जरूरत नहीं होती, लेकिन यह बात ध्‍यान देने योग्‍य है कि किसी को भी म्‍यूजियम के अंदर 30 मिनट से ज्‍यादा रुकने की अनुमति नहीं होती। यह म्‍यूजियम उस सड़क पर स्थि‍त है जोकि दीव के किले को जालंधर बीच से जोड़ती है। 

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