दीव से 170 किमी. की दूरी पर बसा, पालीताना जैन मंदिरों के काफी बड़े समूह के लिये जाना जाता है। शत्रुंजय पहाड़ी जाने के रास्‍ते में नीचे से ऊपर की तरफ जाते हुए, आपको कम से कम 836 मंदिरों को देखने का मौका मिलेगा। सबसे ऊपर पहुंचना आसान काम नहीं, क्‍योंकि इसके लिये पर्यटकों को 4,000 सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं, ऊपर तक पहाड़ी की चढ़ाई 3.5 किमी. लंबी है। यह स्‍थान जैन समुदाय के लिये काफी महत्‍व रखता है, क्‍योंकि यहां पहले जैन तीर्थंकर, आदिनाथ को आत्‍मज्ञान प्राप्‍त हुआ था, जो जैनियों के लिये शत्रुंजय पहाड़ी को धार्मिक स्‍थल बनाता है। इन मंदिरों का निर्माण, 11वीं, 12वीं तथा 16 शताब्‍दी में किया गया था। दिलचस्‍प बात यह है कि देश के बाकी हिस्‍सों के मंदिरों से अलग, इन मंदिरों का निर्माण किसी भी राजवंश या शासक के शासनकाल के अंतर्गत नहीं हुआ था, बल्कि जैन धर्म को मानने वाले संपन्‍न व्‍यापारियों द्वारा किया गया था। 

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