सेल रोटी

ये चावल के पेस्ट से बने फ्लैट गोल ब्रेड डोनट्स हैं और इन्हें तलकर बनाया जाता है। आमतौर पर घरेलू उत्सवों या पार्टियों में स्थानीय घरों में तैयार की जाने वाली सेल रोटी मक्खन, पनीर या चटनी के साथ परोसी जाती है। यह रोटी स्वाद में मीठी होती है, और दार्जिलिंग शहर में दशीन और तिहार के त्योहारों के दौरान बड़ी मात्रा में तैयार की जाती है।

इसे चावल के आटे में दूध, चीनी, केला, इलायची, घी, मक्खन और पसंद के अन्य फ्लेवर डालकर तैयार किया जाता है। फिर इस मिश्रण को गर्म तेल में डालकर सुनहरा और कुरकुरा होने तक डीप फ्राई किया जाता है।

सेल रोटी

चांग और थोंबा

चांग, ​​जिसे छैंग के रूप में भी जाना जाता है, और थोबा जौ, बाजरा या चावल के दानों के साथ खमीर मिलकर किण्वित करके बनाया जाता है।  इन पेय को बांस के बने गिलास में परोपरोसा जाता है और पारंपरिक रूप से बांस के पाइप से पीया जाता है। गर्मियों में इसका सेवन सामान्य तापमान पर किया जाता है, लेकिन सर्दियों के दौरान इसे बहुत गर्म परोसा जाता है, और ठंड को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

चांग बीयर के सामान ही है, जिसे एक बड़े बर्तन में अर्ध-किण्वित जौ के बीजों को स्टोर करके खमीर डालकर बनाया जाता है। इस मिश्रण को ग्लम के रूप में जाना जाता है। इसका स्वाद ऐल की तरह होता है, और शरीर को अंदर से गर्म करता है। इसे दार्जिलिंग के अधिकांश भोजनालयों में परोसा जाता है, और स्थानीय लोगों के लगभग हर भोजन में शामिल होता है।

चांग और थोंबा

तिब्बती चाय

तिब्बती चाय, जिसे तिब्बत में पो चा के रूप में जाना जाता है, भारत के ठंडे इलाकों, खासकर पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्रों में सबसे पसंदीदा पेय है। यह स्वादिष्ट और पसंदीदा पेय, चाय की लम्बी पत्तियों के बैग्स में रखते हुए उनकी खुशबू और स्वाद को बनाए रखने के लिए घर पर बने मक्खन डालकर आप ठंड को दूर रखने में मददगार पेय का आनंद ले सकते हैं। इसका स्वाद मीठे के बजाय नमकीन होता है। अदरक और शहद के साथ नींबू की चाय भी बनाई जाती है।

तिब्बती रीति-रिवाज में, मेहमानों को परोसी जाने वाली चाय को हर घूँट पीने के बाद उसे दोबारा भर दिया जाता है ताकि कप कभी खाली ना हो। हालाँकि यह चाय 7वीं शताब्दी से बनती आ रही है, लेकिन यह 13 वीं शताब्दी में फागमोडु राजाओं के द्वारा इसे लोकप्रियता मिली।       

तिब्बती चाय

मोमोज

मोमोज दार्जिलिंग का शायद सबसे लोकप्रिय स्नैक है। इस स्वादिष्ट डम्प्लिंग को आमतौर पर मैदे के साथ बनाया जाता है और इसे या तो मांस या सब्जियों के साथ भरकर बनाया जाता है और इसे स्टीम या फ्राई किया जा सकता है। मांसाहारी मोमोज में स्टफिंग के रूप में चिकन या पोर्क होता है जबकि शाकाहारी मोमोज में गोभी, पनीर और अन्य सब्जियां होती हैं। मोमोज को क्लियर सूप और कभी-कभी अचार (अचार) के साथ परोसा जाता है।

मोमो के इतिहास से नेवार समुदाय जितना पुराना है, जो अक्सर व्यापार के लिए तिब्बत जाते थे। उन्होंने इन विचित्र डम्प्लिंग को बनाना सीखा और उन्हें भारत ले आए। पूर्वोत्तर में यह बहुत लोकप्रिय हैं, सस्ते और स्वादिष्ट मोमोज ने बाकी देशों में भी विक्रेताओं ने स्टालों की स्थापना और बड़ी फ्रेंचाइज़ी के साथ भारतभर में अपना रास्ता बना लिया है।

मोमोज

शा फली

शा फली एक प्रकार का तिब्बती पॉटस्टिकर (डम्प्लिंग) है जो मांस से भरा होता है (आमतौर पर पूर्वोत्तर में गोमांस या सूअर का मांस)। इसे किसी भी करी के साथ या चटनी या सब्जियों के साथ भी परोसा जाता है। शा फली के साथ सम्पा (भुना हुआ जौ) को पनीर या मक्खन के साथ परोसा जाता है। आप इसे एक मूल रतांग सूप के साथ भी खा सकते हैं, यह स्वास्थवर्धक, स्वादिष्ट और पेट भरने वाला भोजन है।

इसे बहुत आसानी के साथ बनाया जाता है - अदरक, लहसुन, बोक चोय, हरी प्याज और अन्य सब्जियों के पेस्ट को मुख्य प्रोटीन और सोया सॉस के साथ मिलाया जाता हैं; फिर इस मिश्रण को मैदे में भरकर तला जाता है।

शा फली

थुकपा

थुकपा एक तिब्बती गर्म नूडल सूप है जिसे मांस, अंडे और सब्जियों के साथ पकाया जाता है, और उसे एक बड़े कटोरे में परोसा जाता है। यह एक स्वादिष्ट पसंदीदा और स्वास्थवर्धक भोजन है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बेहद लोकप्रिय, यह सूप सर्दियों का सही भोजन है, जो आपको अंदर से बाहर तक गर्म कर देता है।

थुकपा के कई प्रकार हैं, और पारंपरिक तरीके से बनाये जाने पर मांस (आमतौर पर चिकन या पोर्क) मिलाया जाता है, लेकिन यहाँ कई रेस्टोरेंट शाकाहारी विकल्प भी पेश करते हैं। आप मशरूम, हरे प्याज, गाजर, गोभी और अन्य सब्जियों के साथ सब्जी शोरबा का उपयोग कर सकते हैं, और फिर अपने पसंदीदा मसालों (मुख्य रूप से मिर्च पाउडर) को मिलाकर स्वादिष्ट, पौष्टिक और आत्मीय आनंद प्रदान करने वाले भोजन का सेवन कर सकते हैं।

थुकपा