अमरनाथ स्थित शिव गुफा को हिन्दू बेहद पवित्र मानते हैं क्योंकि इसे भगवान शिव का धरती पर निवास स्थान माना जाता है। 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गुफा में बर्फ से निर्मित चार-पांच संरचनाएं बनती हैं जो विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतीक हैं। प्रथा के अनुसार सबसे बड़ी संरचना को भगवान अमरनाथ या शिव, बाईं तरफ वाली को भगवान गणेश और दाईं ओर वाली को देवी पार्वती के रूप् में पूजा जाता है। अमरनाथ गुफा के भीतर बाईं तरफ एक और छोटी गुफा है जहां पवित्र भभूत को श्रद्धालुओं को वितरित किया जाता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जून से अगस्त के दौरान यहां पहुंचते हैं। इस यात्रा को ‘अमरनाथ यात्रा’ के नाम से जाना जाता है जो चंदनवाड़ी से शुरू होकर पिस्सू, शेषनाग और पंजतरिणी होते हुए अमरनाथ गुफा पर पूर्ण होती है। कथा है कि भगवान शिव मां पार्वती को संसार की रचना और अमरत्व का रहस्य बताना चाहते थे जिस के लिए उन्होंने इस गुफा का चयन किया। उन्होंने अपने सारे आभूषण उतार कर इस गुफा में प्रवेश किया लेकिन किसी कबूतर का एक अंडा उनके सिर पर आ गिरा। कहा जाता है कि वह अमर हो गया और कबूतर का एक जोड़ा इस गुफा में अभी भी दिखाई देता है। दक्षिणमुखी यह गुफा 45 मीटर ऊंची और 27 मीटर गहरी है।

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