आंखों को सुहाता सोन सनवर पर्वत से निकलने वाला अचबल चश्मा कभी मुगल बेगम नूरजहां के मनोरंजन का स्थान हुआ करता था। यह प्राचीन झरना अनोखी फारसी शैली में बने शानदार मुगल उद्यानों से घिरा हुआ है। श्रीनगर से 58 किलोमीटर दूर पहाड़ की तलहटी में स्थित यह बाग चिनार के ऊंचे वृक्ष से पहचाना जाता है। तीन धाराओं से होकर इस बाग में बहता चश्मे का पानी और कई सारे फव्वारे यहां के आकर्षण को और बढ़ाते हैं।ऐसी मान्यता है कि इस चश्मे का स्रोत ब्रेंगी नाला है जो निकल के देवल गाम में चूने पत्थर की चट्टानों में कहीं गुम हो जाता है। अचबल के अन्य आकर्षणों में सीढ़ीदार छते, यहां की पारंपरिक खूबसूरती और सजावटी झाड़ियां हैं।

अन्य आकर्षण