अमृतसर से 140 किलोमीटर दूर, सतलुज नदी के दक्षिण किनारे पर बसा औद्योगिक शहर लुधियाना है। यह शहर उद्योगों में उपयुक्त होने वाले सामान के निर्माण, मशीनों के पुर्जे, ऑटो के पुर्जे, घरेलू सामान, होज़री एवं कपड़ों के उत्पादन के लिए विख्यात है। लुधियाना शहर की स्थापना 15वीं सदी में लोधी सुल्तानों के शासनकाल के दौरान की गई थी। अगर कोई लुधियाना जाता है तो वह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय देख सकता है जो 1,500 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला है। यहां ग्रामीण जीवन का अवलोकन कराता एक अद्भुत संग्रहालय है जिसमें पारंपरिक बर्तन, संगीत वाद्य एवं पंजाबी पोशाकें प्रदर्शित की गई हैं। कृषि क्षेत्र में लाभप्रदता एवं उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से 1962 में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। यहां का एक अन्य आकर्षण वार्षिक किसान मेला है, जिसमें समस्त राज्य से किसान हिस्सा लेते हैं।  

इस संग्रहालय के निकट सुंदर नेहरु रोज़ गार्डन स्थित है, जिसमें गुलाब की सैकड़ों प्रजातियां तथा सजावटी फव्वारे देखने को मिलेंगे। यहां पर एक और आनंददायक संग्रहालय है जिसमें पंजाबी सैन्य इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है। यह महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय कहलाता है।

इस शहर में किला रायपुर भी स्थित है, जहां पर ग्रामीण खेलों का वार्षिक आयोजन होता है। यहां पर मुग़लकालीन अनेक स्मारक पाए जाते हैं। आलमगीर गांव जिसकी स्थापना मुग़ल सम्राट औरंगजे़ब ने की थी, गुरुद्वारा मांजी पीर के लिए प्रसिद्ध है। यह भी देखने लायक जगह है। अन्य आकर्षणों में मच्छीवारा है जो शहर के पूर्व में 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां गुरु गोविंद सिंह को उनके बेटों की मौत की सूचना मिली थी।

अन्य आकर्षण