दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कीठम झील सड़क मार्ग द्वारा आगरा से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। हरे-भरे वन से घिरा तालाब तथा आसपास व्याप्त शांति वातावरण पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने के लिए यह स्थल पिकनिक अथवा घूमने-फिरने का उपयुक्त स्थल है। पंचकोणीय आकार वाली इस झील के किनारे अनेक पक्षी तथा इसमें मछलियां पाई जाती हैं, साथ ही यहां मानव-निर्मित टापू भी बने हुए हैं। यह झील सूर सरोवर भी कहलाती है। दंतकथाओं के अनुसार, इस झील का नाम नेत्रहीन कवि सूरदास के नाम पर पड़ा जिन्हें यहां पर भक्ति काव्य की रचना की प्रेरणा मिली थी। उनकी रचना भक्ति काव्य की बेहतरीन रचनाओं में से एक है।

इस झील के आसपास के क्षेत्र को 1991 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था, जो लगभग 8 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इसमें 2.25 वर्ग किलोमीटर लंबी झील भी सम्मिलित है। इस क्षेत्र में प्रवासी तथा स्थानीय पक्षियों की तकरीबन दो दर्जन प्रजातियां निवास करती हैं। उत्तर प्रदेश वन्य विभाग ने बगुलों के लिए झील के आसपास उथले क्षेत्र भी विकसित किए हैं तथा बड़ी संख्या में पेड़ लगाए हैं ताकि पक्षी बिना किसी परेशानी के अपने घोंसले बना सकें। यहां दिखने वाले पक्षियों में सफेद बगुले, बैंगनी बगुले, कलघी वाली बत्तख एवं स्पूनबिल्स प्रमुख हैं। 

अन्य आकर्षण